प्रेस विज्ञप्ति
सभी वादे तोड़ने वाली भाजपा की मदद राम नहीं करेंगे
सोशलिस्ट पार्टी नागरिकों से शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने का आह्वान करती है
यह कोई छिपी सच्चाई नहीं है कि बेरोजगारी और कृषि उपज की वाजिब कीमतें नहीं मिलने जैसी विकट समस्याओं सामना कर रहे हिंदू परिवारों में पैदा हुए करोड़ों लोगों के लिए राम मंदिर किसी समस्या का समाधान नहीं है। सत्ता में बैठे लोग यह अच्छी तरह जानते हैं कि देश का संविधान राज्य को किसी धर्म या पंथ के धार्मिक उद्देश्यों के लिए इमारत बनाने की अनुमति नहीं देता है। वे सभी महंत और साधु, जिन्हें कभी भूकंप या चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं में लोगों की मदद करते नहीं देखा जाता, तत्काल राम मंदिर बनाने का राग अलापने लगे हैं। वे उसी स्थल पर मंदिर बनाने की अड़ कर रहे हैं जहां साम्प्रदायिक हिंदुत्ववादियों ने बाबरी मस्जिद को नेस्तनाबूद किया था। ज़ाहिर है, वे ऐसा सिर्फ आरएसएस/भाजपा के आदेश पर कर रहे हैं। क्योंकि आरएसएस/भाजपा में आगामी लोकसभा चुनाव में राजनैतिक मुद्दों के बल पर मतदाताओं का सामना करने की हिम्मत नहीं है। उन्हें पता है कि पिछले लोकसभा चुनाव में किये गए लंबे-चौड़े वादों को पूरा करने में उनकी सरकार पूरी तरह असफल रही है। विमुद्रीकरण, जीएसटी, आधार कार्ड को राशन, ऋण राहत या बैंक खाते आदि के साथ जोड़ने की जटिल कवायदों के चलते जनता को पिछले साढ़े चार सालों में 'अच्छे दिन' के बजाय 'बुरे दिन' देखने पड़े हैं। डूबने वाला व्यक्ति जिस तरह जीवन बचाने के लिए तिनके का सहारा लेने की कोशिश करता है, हार से डरी हुई भाजपा अब राम की ओर मुड़ रही है।
यह सच है कि बड़ी संख्या में भारतीय राम को 'एक वचनी' (किये गए वादे को अपना जीवन देकर निभाने वाले) या 'एक पत्नी' (पत्नी के प्रति वफादार) जैसे उच्च नैतिक गुणों के अवतार के रूप में देखते हैं। ऐसे भारतीय सभी वादों को तोड़ने वाली भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मदद नहीं करना चाहेंगे। सोशलिस्ट पार्टी का मानना है कि मोदी को राम का अवतार बताने वाले तथाकथित संत ने राम का जो निरादर किया है, वह अक्षम्य अपराध है।
साम्प्रदायिक हिन्दुत्ववादियों की 'मंदिर वहीँ बनायेंगे' की जिद के चलते कुछ स्थानों पर सांप्रदायिक दंगे भड़क सकते हैं। इस संवेदनशील स्थिति में सोशलिस्ट पार्टी बड़े पैमाने पर लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने और चुनाव में सत्ताधारी गठजोड़ को हराने के लिए एकता बनाने की अपील करती है।
पन्नालाल सुराना
वरिष्ठ सदस्य
राष्ट्रीय कार्यकारी