Friday, 23 November 2018

सभी वादे तोड़ने वाली भाजपा की मदद राम नहीं करेंगे


प्रेस विज्ञप्ति
सभी वादे तोड़ने वाली भाजपा की मदद राम नहीं करेंगे
सोशलिस्ट पार्टी नागरिकों से शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने का आह्वान करती है


      यह कोई छिपी सच्चाई नहीं है कि बेरोजगारी और कृषि उपज की वाजिब कीमतें नहीं मिलने जैसी विकट समस्याओं सामना कर रहे हिंदू परिवारों में पैदा हुए करोड़ों लोगों के लिए राम मंदिर किसी समस्या का समाधान नहीं है। सत्ता में बैठे लोग यह अच्छी तरह जानते हैं कि देश का संविधान राज्य को किसी धर्म या पंथ के धार्मिक उद्देश्यों के लिए इमारत बनाने की अनुमति नहीं देता है। वे सभी महंत और साधु, जिन्हें कभी भूकंप या चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं में लोगों की मदद करते नहीं देखा जाता, तत्काल राम मंदिर बनाने का राग अलापने लगे हैं। वे उसी स्थल पर मंदिर बनाने की अड़ कर रहे हैं जहां साम्प्रदायिक हिंदुत्ववादियों ने बाबरी मस्जिद को नेस्तनाबूद किया था। ज़ाहिर है, वे ऐसा सिर्फ आरएसएस/भाजपा के आदेश पर कर रहे हैं। क्योंकि आरएसएस/भाजपा में आगामी लोकसभा चुनाव में राजनैतिक मुद्दों के बल पर मतदाताओं का सामना करने की हिम्मत नहीं है। उन्हें पता है कि पिछले लोकसभा चुनाव में किये गए लंबे-चौड़े वादों को पूरा करने में उनकी सरकार पूरी तरह असफल रही है। विमुद्रीकरण, जीएसटी, आधार कार्ड को राशन, ऋण राहत या बैंक खाते आदि के साथ जोड़ने की जटिल कवायदों के चलते जनता को पिछले साढ़े चार सालों में 'अच्छे दिन' के बजाय 'बुरे दिन' देखने पड़े हैं। डूबने वाला व्यक्ति जिस तरह जीवन बचाने के लिए तिनके का सहारा लेने की कोशिश करता हैहार से डरी हुई भाजपा अब राम की ओर मुड़ रही है।
      यह सच है कि बड़ी संख्या में भारतीय राम को 'एक वचनी' (किये गए वादे को अपना जीवन देकर निभाने वाले) या 'एक पत्नी' (पत्नी के प्रति वफादार) जैसे उच्च नैतिक गुणों के अवतार के रूप में देखते हैं। ऐसे भारतीय सभी वादों को तोड़ने वाली भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मदद नहीं करना चाहेंगे। सोशलिस्ट पार्टी का मानना है कि मोदी को राम का अवतार बताने वाले तथाकथित संत ने राम का जो निरादर किया है, वह अक्षम्य अपराध है।
      साम्प्रदायिक हिन्दुत्ववादियों की 'मंदिर वहीँ बनायेंगे' की जिद के चलते कुछ स्थानों पर सांप्रदायिक दंगे भड़क सकते हैं। इस संवेदनशील स्थिति में सोशलिस्ट पार्टी बड़े पैमाने पर लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने और चुनाव में सत्ताधारी गठजोड़ को हराने के लिए एकता बनाने की अपील करती है।


पन्नालाल सुराना
वरिष्ठ सदस्य
राष्ट्रीय कार्यकारी

Don’t destroy autonomy of RBI

Press Release





          The present government seems bent upon to destroy all the constitutional institutions. After insulting  the Judiciary and manipulating the CBI, Jaitley-Modi duo hurling open threats towards Reserve Bank of India (RBI). They say that they would exercise the powers, as indicated in Sec-7 of the RBI Act 1932 (which was there to enable British imperialist power to safeguard their interests) to prevail upon the RBI to relax rules governing the non-banking financial institutions so that supply of credit be augmented to the medium and  small enterprisers. In their avarice for concentration of power, Modi-Jaitley had already three members of the 5-member Monetary Policy Committee under RBI.

            The duo should remember that the USA and consequently the whole world had to suffer rising unemployment and slowing down of trade because powers of the Federal Reserve (their Central Bank) were curtailed by the Congress in 1971 and again in 1995.

            Market fluctuations are behaving irrationally. Overall concern should be to keep inflation under control. Increasing oil prices is greatly disturbing factor. At such a juncture the ruling clique has already forced Urjit Patel to offer to resign (who was handpicked by the duo).

            The Socialist Party warns Jaitley-Modi duo that they have done enough damage to the economy of the country. The economy, particularly the peasants and small businessmen, is still struggling with ill-effects of demonetisation. Therefore, for the sake of working and middle classes of the country, Jaitely-Modi should desist from destroying the autonomy of RBI, the sterling institution. The Socialist Party believes if anything goes wrong in the smooth functioning of the monetary system, the whole national economy will be thrown in a whirlpool.

Pannalal Surana
Senior Member National Executive
Socialist Party 

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