Thursday 17 May 2012

सोशलिस्ट पार्टी दिल्ली प्रदेश के सम्मेलन में पारित प्रस्ताव (२६ नवम्बर २०११)

देश की राजधानी में दिन-दहाड़े हत्याएं,लूटपाट और महिलाओं की अस्मत पर हमले होते हैं | पुरे प्रशासन में भ्रष्टाचार का बोलबाला है | निम्न और मध्य वर्ग पर महंगाई की भारी और लगातार मार पड़ रही है | लाखो बच्चे, बूढ़े, महिलायें चौराहों पर भीख माँगते हैं और सड़कों पर सोते हैं | लाखो बच्चे सम्पन्न परिवारों अथवा ढाबों में घरेलु नौकर हैं | ग्रामीण और शहर के पुराने इलाकों और गरीब बस्तियों में नागरिक सुविधाओं का नितांत अभाव है | बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी जीवन के लिए जरुरी सेवाओं का निजीकरण करके मुनाफाखोर कंपनियों के हवाले किया जा रहा है | सरकार स्कूल, प्रशिक्षण संस्थान, कॉलेज, विश्वविद्यालय, शोध संस्थान खोलने के बजाय किसानों से मिटटी के मोल ली गई जमीन आलिशान होटल, मौल, फार्म हाउस, रिजोर्ट, जुआ और शराब जे अड्डे खोलने के लिए कारपोरेट घरानों, धन्ना सेठों और बिल्डरों को लुटा रही है | दिल्ली में कांग्रेस के पिछले दस साल के शासन में विकास का एक ही अर्थ है : आमिर मालामाल और जनता बेहाल | सरकार का खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश की अनुमति का निर्णय उसी दिशा में उठाया गया एक और जन विरोधी कदम है | सोशलिस्ट पार्टी देश के करोड़ों खुदरा व्यापारियों और उनसे जुड़े उपभोक्ताओं की कीमत पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों को लाभ पहुँचाने वाले सरकार के इस निर्णय का कड़ा विरोध करती है |


राष्ट्रमंडल खेलों में शीला दीक्षित और उनकी सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त पाई गई | उनका इस्तीफा होना चाहिए था और मुक़दमा चलना चाहिए था | लेकिन भ्रष्टाचार और कुशासन में डूबी दिल्ली सरकार का कांग्रेस आलाकमान बेशर्मी से बचाव कर रहा है | सोशलिस्ट पार्टी शुंगलू कमेटी के खुलासे के आधार पर शीला दीक्षित पर मुकदमा चलाने की मांग करती है |

शीला दीक्षित ने नगर निगम को तीन भागों में बाँट कर पिछले दस साल के भ्रष्टाचार और कुशासन से जनता का ध्यान हटाने का पैंतरा चला है | आगामी नगर निगम चुनाओं के मद्दे नजर वह सरकार की उपलब्धियों के विज्ञापनों पर जनता की गाढ़ी कमाई का धन फूंक रही है | जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, लेखकों, कलाकारों, पत्रकारों और बुद्धिजीवियों को अपने पक्ष में करने के लिए धनराशी बढ़ा दी गई है | चुनावों में पैसा और शराब पानी की तरह बहाने में कॉग्रेस का पहले से ही कोई सानी नहीं है | सोशलिस्ट पार्टी लोकतंत्र को विकृत करने के कांग्रेस कारनामों को जन-जन तक ले जाकर उसके खिलाफ जनमत बनाएगी |
सोशलिस्ट पार्टी भ्रष्ट और कारपोरेट सेवी कांग्रेस और उसकी बी टीम भाजपा की जगह दिल्ली में साफ़-सुथरी और आम आदमी के हित और उत्थान को सबसे ऊपर रखने वाली राजनीति खड़ा करने के संघर्ष में जुटी है | उसी आधार पर पार्टी ने आगामी नगर निगम चुनाव में हिस्सा लेने का फैसला किया है | अगला विधानसभा चुनाव भी सोशलिस्ट पार्टी लड़ेगी | निचे दिए गए मुद्दे लेकर पार्टी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आन्दोलन चला रही है :

१. भूमि अधिग्रहण कानून पूरी तरह रद्द होना चाहिए |
२. राष्टीय स्तर पर एक भूमि उपयोग आयोग (land use commission) का गठन होना चाहिए |
३. किसी भी रूप में शिक्षा का निजीकरण बंद होना चाहिए और गुणवत्तायुक्त समाज शिक्षा मातृभाषा में दी जानी चाहिए | दिल्ली विश्वविद्यालय का पूर्वी परिसर बिना किसी देरी के शुरू किया जाना चाहिए |
४. दिल्ली में बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं का निजीकरण बंद होना चाहिए | बिजली, पानी, पेट्रोल, दूध व अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतें अविलम्ब घटाई जानी चाहिए |
५. दिल्ली के गावों में वहां के समस्त नागरिको के हितों को तवज्जो देते हुए आवास, सड़क, बिजली, पानी, पुस्तकालय, महिला केंद्र, बाल केंद्र, स्वस्थ्य केंद्र, पार्क, सामुदायिक स्थल, स्कूल, कॉलेज, वोकेशनल संस्थान, आदि की सुविधाएं, मुहैया कराई जानी चाहिए | किसानों के अलावा खेती पर निर्भर रहने वाले कारीगर परिवारों को रिहायशी प्लाट मिलने चाहिए |
६.स्वरोजगार के इच्छुक नागरिकों को लघु उधोग चलाने की छुट व सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर दी जानी चाहिए |
७. अनियमित कॉलोनियों को समुचित नागरिक सुविधाएं देकर नियमित किया जाना चाहिए |
८. कानून व्यवस्था, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम होना चाहिए |


प्रस्तावक : डॉक्टर प्रेम सिंह
समर्थक : डॉक्टर मोहम्मद युनुस 

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