Wednesday 27 February 2013

मंहगे हेलिकॉप्टरों पर देश के धन की बरबादी बंद हो

वीवीआईपी को यात्रा कराने के लिए इटली की अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से 36 सौ करोड़ रुपये के 12  हेलिकॉप्टरों की खरीद के सौदे में कथित रूप से घूस देने का मामला पिछले कई दिनों से मीडिया की सुर्खी बना हुआ है। इस सौदे में घूसखोरी होने की खबर कई महीने पहले की है और इटली में उसकी एक साल से जांच भी चल रही है। लेकिन भारत सरकार की ओर से समय पर समुचित कार्रवाई नहीं हुई। इटली में संबंधित कंपनी के दो बड़े अधिकारियों की गिरफ्तारी होने से मामला काफी उछल गया तो रक्षामंत्री ने सीबीआई जांच के आदेष दिए हैं और इटली की सरकार से पूरे मामले में सूचनाएं और सहयोग मांगा गया है।  हेलिकॉप्टरों की पूरी रकम जमा की जा चुकी है जिसमें 360 करोड़ रुपये की रिष्वत का आरोप है।
हमेषा की तरह जांच कराने और दोषियों को नहीं बख्षने की मांग और दावे विपक्ष और पक्ष की ओर से किए जा रहे हैं। मामला इतना तूल पकड़ चुका है कि सौदा रद्द भी हो सकता है। संसद का बजट सत्र षुरू होने वाला है। लेकिन प्रधानमंत्री और उनकी सरकार को कोई डर या परवाह नहीं है। प्रधानमंत्री हमेषा की तरह आत्मविष्वास से भर कर घोषणा कर चुके हैं कि वे संसद का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। यानी उनके ऊपर किसी घोटाले का कोई असर नहीं पड़ता।
इस तथाकथित घोटाले पर तीखी बहस के बावजूद किसी भी राजनीतिक पार्टी, नेता, विषेषज्ञ अथवा टिप्पण्ीकार ने यह सवाल नहीं उठाया कि एक गरीब देष में यात्रा के लिए इतने मंहगे हेलीकाॅप्टर क्यों खरीदे जाने चाहिए? सोषलिस्ट पार्टी का सवाल है कि अति विषिष्ट लोग, चाहे वे नेता हों, नौकरषाह हों या सेना के बड़े अधिकारी, साधारण  हेलिकॉप्टर में सफर क्यों नहीं कर सकते? जिस देष में सेना के साधारण सिपाहियों के पास ढंग के जूते और वर्दी न हों, वहां अतिविषिष्ट लोगों के हवाई सफर के लिए 36 सौ करोड़ की भारीभरकम रकम साजसज्जा वाले हेलिकाॅप्टरों पर क्यों खर्च की जानी चाहिए?  शासक वर्ग का यह रवैया सैनिकों और मेहनतकश  जनता दोनों के साथ क्रूर मजाक है।
सोशलिस्ट पार्टी स्पष्ट करना चाहती है कि बाजार और हथियार के बल पर चलने वाली पूंजीवादी व्यवस्था में घूस, घपले और दलाली को कभी रोका नहीं जा सकता। कालाबाजारी और भ्रष्टाचार उसका अनिवार्य  हिस्सा हैं। सोशलिस्ट पार्टी देष की जनता को बताना चाहती है कि 360 करोड़ रुपया जिनकी जेबों में गया है उन लोगों को पकड़ना और सजा देना आसान नहीं है। क्योंकि वे इन हेलिकॉप्टरों  में बैठने वाले अतिविषिष्ट लोगों के साथी-सहयोगी ही हो सकते हैं। पार्टी की मांग है कि तेजी से निष्पक्ष जांच हो, दोषियों को कड़ी सजा मिले, यह सौदा रद्द हो, देष का धन वापस आए और अतिविषिष्ट लोगों के लिए ये मंहगे हेलिकॉप्टरों  नहीं खरीदे जाएं। 
डॉ  प्रेम सिंह
महासचिव व प्रवक्ता

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