Saturday, 6 April 2013

सोशलिस्ट पार्टी की जस्टिस सच्चर और कुलदीप नैय्यर से नवउदारवाद विरोधी मोर्चे के गठन की अपील।




राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया।

         सोशलिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज लखनऊ में गोमती होटल में संपन्न हुई। सोशलिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष गिरीश पांडे ने पूरे देश से आए राष्ट्रीय पदाधिकारियों और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों का स्वागत किया। अपने उद्बोधन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाई वैद्य ने कहा कि देश के किसान, मजदूर, आदिवासी, कारीगर, छोटे व्यापारी, नौजवान और सभी वंचित तबके नवउदारवादी नीतियों के चलते तबाह होते जा रहे हैं। सोशलिस्ट पार्टी देश में अकेली ऐसी पार्टी है जो देश की विशाल मेहनतकश आबादी के हित में नवउदारवादी नीतियों का पूरी तरह से विरोध करती है। पार्टी भारत के संविधान और समाजवादी विचारधारा पर आधारित वैकल्पिक आर्थिक नीतियों की वकालत करती है। राष्ट्रीय महासचिव डाॅ. प्रेम सिंह ने कहा कि दो साल पहले सोशलिस्ट पार्टी की पुनस्र्थापना हैदराबाद में इसीलिए की गई थी कि नवउदारवादी-नवसाम्राज्यवादी शक्तियों को मुकममल चुनौती दी जाए और उन्हें निर्णायक रूप से परास्त किया जाए।

        कार्यकारिणी की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि सोशलिस्ट पार्टी जस्टिस राजेन्द्र सच्चर और वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैय्यर से अपील करेगी कि वे देश के अन्य गणमान्य लोगों के साथ मिलकर देश को नवउदारवादी हमले से बचाने के लिए राजनीतिक पहल करें। ये महानुभाव कांग्रेस, भाजपा और उनके साथ जुटे दलों से अलग नवउदारवादी विरोधी राजनीतिक पार्टियों, मसलन, सी.पी.आई. (एम.एल.), समाजवादी जनपरिषद, भाकपा, मकपा, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, सोशलिस्ट पार्टी (लोहिया) तथा अन्य सहमना संगठनों और व्यक्तियों को एकजुट करने की पहल करें ताकि अगले आम चुनाव में एक सशक्त नवउदारवाद विरोधी मोर्चा बनाया जा सके।

       पार्टी के आर्थिक प्रस्ताव में कहा गया कि सोशलिस्ट पार्टी, विश्व बैंक, आई.एम.एफ., विश्व व्यापार संगठन और बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा पूंजीपतियों और अमीर तबको के हित के लिए देश के संसाधनों को लूटने वाली नवउदारवादियों आर्थिक नीतियों के स्थान पर गांधीवादी-समाजवादी विकास के माॅडल पर आधारित विकेन्द्रित और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की वकालत करती है। बड़ी पूॅजी और बड़ी टेक्नालाॅजी पर आधारित औद्योगिकरण की जगह कृषि आधारित उद्योग, लघु उद्योग और स्वरोजगार को बढ़ावा देकर ही समता और संपन्नता का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। प्रस्ताव में कहा गया कि वित्तमंत्री की महिला बैंक स्थापित करने की घोषणा गुमराह करने वाली है। केवल एक हजार करोड़ पूंजी से शुरू होने वाला यह नया बैंक देश की करोड़ों महिलाओं की जरूरत पूरी नहीं कर सकता। महिलाओं

के सशक्ततिकरण के लिए यह जरूरी है कि उन्हें अपना काम/व्यापार करने के लिए मौजूदा बैंक शाखाओं से ऋण देने की उचित व्यवस्था की जाये। एक अन्य प्रस्ताव में मांग की गई कि फौज में जवानों के साथ अफसरों का बर्ताव सम्मानजनक हो। कुछ महीने पहले लद्दाख में अनुशासन भंग की घटना पर 168 जवानों तथा अफसरों का कोर्ट मार्शल करने का रक्षामंत्री का फैसला अधूरा है। उसमें केवल जवानों को ही टारगेट किया गया है। यह चिन्ता की बात है कि जवानों में खुदकशी के मामले बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि वरिष्ठ अफसर जवानों के साथ आमतौर पर अपमानजनक बर्ताव करते हैं। प्रशिक्षित जवानों को अफसरों का अर्दली बनाकर उनसे घरेलू नौकर जैसा काम लिया जाता है और वे बेगार करने पर मजबूर होते हैं।  पाटी्र की मांग है कि जवानों को अफसरों का निजी सहायक बनाने की उपनिवेशवादी परम्परा खत्म की जानी चाहिए ताकि जवान भी अफसरों की तरह सम्मानपूर्ण जीवन बिता सकें। प्रस्ताव में कुछ महीने पहले सीमा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय जवानों का सिर काटने, अंग-भंग करने की खौफनाक वारदात और भारत सरकार के उदासीन रैवये की निन्दा की गई। पार्टी के पार्लियामेंटरी बोर्ड के अध्यक्ष पन्नाला सुराना ने आह्वान किया कि त्रिवेंद्रम (केरल) में 17-18 मइ्र 2013 को होने वाले दूसरे राष्ट्रीय अधिवेशन में पूरे देश से ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधि पहुंचें।

       इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संदीप पाण्डेय ने उत्तर प्रदेश की सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों, मजदूरों, बेरोजगारों, छोटे दुकानदरों और फर्जी मामलों में फंसाये गये मुस्लिम नौजवानों के मामलों में तालमटोल का रैवया अपनाती है। उन्होंनें कहा कि सोशलिस्ट पार्टी द्वारा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिये की गई 440 रूपये की न्यूनतम मजदूरी की मांग प्रदेश सरकार ने आश्वासन देने के बावजूद अभी तक नहीं मानी है। प्रदेश सरकार ने सोशलिट पार्टी से किया गया किसान आयोग के गठन का वादा भी पूरा नहीं किया है। संसद में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने बयान दिया है कि उन्होंनें फर्जी मामलों में फंसाये गये 400 मुस्लिम नौजवानों को रिहा किया है। सोशलिस्ट पार्टी मुलायम सिंह यादव से पूछना चाहती है कि वे किसी एक ऐसे नौजवान का नाम बताये जो रिहा किया गया हो।

         बैठक में दिवंगत समाजवादी साथियों श्री सहदेव सिंह, प्रो. विनोद प्रसाद सिंह,    श्री किशोर पवार, श्री अजय कुमार, महाशय देवराज, डाॅ. मेहरचंद भुमला और भानुप्रसाद शर्मा को श्रद्धांजलि दी गई।

   
                                                      ( गिरीश कुमार  पाण्डेय )
                                                       अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश

No comments:

Post a Comment

New Posts on SP(I) Website

लड़खड़ाते लोकतंत्र में सोशलिस्ट नेता मधु लिमए को याद करने के मायने आरोग्य सेतु एप लोगों की निजता पर हमला Need for Immediate Nationalisation ...