Monday, 5 August 2013

तेलंगाना राज्य का स्वागत लेकिन संसाधनों की लूट न होने पाए

प्रैस रिलीज

सोशलिस्ट पार्टी अलग तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले का स्वागत करती है और वहां के लोगों को बधाई देती है। पार्टी का मानना है कि तेलंगाना राज्य के गठन की मांग का भौगोलिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से औचित्य है। पूरे क्षेत्र की जनभावना इस मांग के साथ निरंतर जुड़ी रही है। तेलंगाना राज्य वहां की जनता के करीब 60 साल के संघर्ष का नतीजा है। इस बीच कई लोगों की जानें गई और कई लोगों ने आत्मदाह किया। अगर राष्ट्रीय और राज्य नेतृत्व तेलंगाना राज्य के गठन के औचित्य और जनभावना को समझ कर समय पर फैसला कर लेता तो इस मांग के पीछे मारे गए बहुत से लोगों की जानें नहीं जाती। सोशलिस्ट पार्टी अविभाजित आंध्र प्रदेश के समर्थकों से अपील करती है कि वे इस फैसले को सही भावना से स्वीकार करें और तेलंगाना राज्य के विकास में भरपूर योगदान दें। प्रदेश के तटीय और रायलसीमा जिलों के नेताओं को प्रदेश के सालों से एक साथ रह रहे लोगों के हित में संयम बरतना चाहिए।
सोशलिस्ट पार्टी ने हैदराबाद में मई 2011 में हुए अपने स्थापना सम्मेलन में आंध्र प्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य बनाने का प्रस्ताव पारित किया था। तभी से राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सोशलिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता तेलंगाना राज्य की मांग के समर्थन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. केशवराव जाधव और महासचिव नुरुल अमीन ने राज्य स्तर पर निरंतर तेलंगाना राज्य के लिए चलने वाले आंदोलन में हिस्सेदारी की। राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के वरिष्ठ नेता जस्टिस राजेंद्र सच्चर और राष्ट्रीय अध्यक्ष भाई वैद्य ने तेलंगाना राज्य के समर्थकों के साथ एकजुटता दिखाई और कई मंचों से राज्य के अविलंब गठन की मांग को उठाया।
सोशलिस्ट पार्टी संसाधन समृद्ध तेलंगाना राज्य में राजनीतिक सत्ता के दावेदार नेताओं और पार्टियों को आगाह करना चाहती है कि वे राज्य के कीमती प्राकृतिक संसाधनों को कारपोरेट घरानों की लूट से बचाएं और उनका क्षेत्र की मेहनतकश जनता के उत्थान के लिए सही उपयोग करें। नए राज्य में सभी लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और अच्छा प्रशासन मिलना चाहिए।

डॉ. प्रेम सिंह
महासचिव व प्रवक्ता

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