Wednesday, 5 September 2018

कुलदीप नैयर का निधन : बुझ गई अंधेरे में जलती मशाल

23 अगस्त 2018
प्रेस रिलीज़



कुलदीप नैयर भारतीय नागरिक समाज में भरोसे के सशक्त प्रतीकों में से एक थे. वे उन गिने-चुने लोगों में थे जो बड़ी से बड़ी मुसीबतों या प्रलोभनों के सामने आधारभूत संवैधानिक और मानव मूल्यों पर समझौता नहीं कर सकते थे. उनका निधन भारतीय समाज और राजनीति के लिए आज के अंधकारमय दौर में एक जलती हुई मशाल का बुझ जाना है.

कुलदीप नैयर ने 2011 में सोशलिस्ट पार्टी की पुनर्स्थापना के समय कहा था कि आज़ादी के बाद भारत की राजनीति में यह सबसे कठिन दौर है. अगर पार्टी फिर से खोली है तो देश के भविष्य की खातिर उसे बंद मत करना. वे सोशलिस्ट पार्टी की पुनर्स्थापना के समय से ही उसकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के विशेष आमंत्रित सदस्य थे. वे पार्टी की ज्यादातर बैठकों, सभाओं, सम्मेलनों और कार्यक्रमों में शामिल होते थे और अपने विचार व सुझाव देते थे. कुलदीप नैयर सोशलिस्ट पार्टी की इस मान्यता से सहमत थे कि नवउदारवादी नीतियों के लिए संविधान के समाजवादी लक्ष्य को त्यागने के बाद धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र को नहीं बचाया जा सकता.

कुलदीप नैयर जाना सोशलिस्ट पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है. अपने विशेष सदस्य और मार्गदर्शक को सोशलिस्ट पार्टी की विनम्र श्रद्धांजलि और आखिरी सलाम.

डॉ. प्रेम सिंह
अध्यक्ष            

No comments:

Post a Comment

New Posts on SP(I) Website

लड़खड़ाते लोकतंत्र में सोशलिस्ट नेता मधु लिमए को याद करने के मायने आरोग्य सेतु एप लोगों की निजता पर हमला Need for Immediate Nationalisation ...