Sunday, 26 November 2017

सी बी आई जज लोया की मौत के मामले में उठे सवालों की जाँच हो- सोशलिस्ट पार्टी मध्य प्रदेश

25 नवम्बर 2017

प्रेस रिलीज़
सी बी आई जज लोया की मौत के मामले में उठे सवालों की जाँच हो- सोशलिस्ट पार्टी मध्य प्रदेश

      सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में सुनवाई कर रहे सीबीआई जज बृजगोपाल लोया की मौत पर द कारवां पत्रिका ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की हैजिसमें उनके परिजनों ने उनकी मृत्यु की संदेहास्पद परिस्थितियों पर सवाल उठाए साथ ही उन्हें सोहराबुद्दीन मामले में अमित शाह के पक्ष में फैसला देने के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के प्रस्ताव की बात भी कहीसोशलिस्ट पार्टी एक जिम्मेदार राजनैतिक दल होने के नाते यह मानता है किदेश के सत्ता रूढ़ दल के अध्यक्ष और न्यायपालिका पर उठे इतने गंभीर आरोप होने के नाते इस मामले में एक निष्पक्ष जाँच लाज़मी हैकारवां पत्रिका व्दारा उठाए सवालों से जनता के मन में राजनीति और न्याय व्यवस्था दोनों के प्रति गहरे सवाल उठ रहें हैराजनीति में सुचिता और न्याय व्यवस्था में आस्था बनाए रखने के लिए जरुरी है कि सरकार और न्यायपालिका इस मामले में स्वत: पहल कर मामले से सभी पहलुओं को जाँच के माध्यम से जनता के सामने लाएंएसपी आई ने इस मामले में स्थापित मीडिया और स्थापित राजनैतिक दलों की चुप्पी पर भी सवाल उठाएसोशलिस्ट पार्टी मध्यप्रदेश के अध्यक्ष राम स्वरूप मंत्री ने आज जारी विज्ञप्ती में बताया की द कारवां की इस रिपोर्ट में उनके परिजनों की ओर से कई सवाल उठाए गए हैंजैसे-
• लोया की मौत के समय को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार मृत्यु का समय दिसंबर 2014 को सुबह 6:15 बजे दर्ज है,जबकि परिजनों के मुताबिक उन्हें एक तारीख़ को सुबह बजे फोन पर उनकी मृत्यु की सूचना दी गई थी.
• लोया की मौत दिल के दौरे से होना बताया गयाजबकि परिजनों ने उनके कपड़ों पर खून के धब्बे देखे थे.
• लोया के पिता के अनुसार उनके सिर पर चोट भी थी.
• परिवार को लोया का फोन मौत के कई दिन बाद लौटाया गयाजिसमें से डाटा डिलीट किया गया था.
• साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि रवि भवन से सबसे नज़दीकी ऑटो स्टैंड की दूरी दो किलोमीटर है. ऐसे में आधी रात को ऑटो मिलना कैसे संभव हुआ.
• एक सवाल ईश्वर बहेटी नाम के आरएसएस कार्यकर्ता पर भी उठाया गया है. इसी कार्यकर्ता ने लोया की मौत के बाद पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव ले जाने की जानकारी परिजनों को दीसाथ ही लोया का फोन भी परिवार को बहेटी ने ही लौटाया था.
• पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के हर पन्ने पर एक व्यक्ति के दस्तखत हैंजिसके नीचे मृतक से संबंध मराठी में चचेरा भाई’ लिखा हैलेकिन परिवार का कहना है कि परिवार में ऐसा कोई व्यक्ति ही नहीं है.
• रिपोर्ट कहती है कि लोया की मौत प्राकृतिक कारणों से हुईतो फिर पोस्टमॉर्टम की ज़रूरत क्यों  
पड़ी?
एसपी आई का मानना है किउपरोक्त सवालों के जवाब देना न्यायपालिका और सरकार की जवाबदारी है|


रामस्वरूप मंत्री
अध्यक्ष
सोशलिस्ट पार्टी मध्य प्रदेश

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