Saturday 26 May 2012

Press Invitation





Dharna Against FDI in Retail Trade 

The Socialist Party will complete one year of its formation on 28 May 2012. To mark the occasion, the party has organised a day-long (11 am. to 4 pm.) dharna against FDI in retail sector at Jantar Mantar, Delhi. In view of the Socialist Party,  government' decision of allowing MNCs such as Walmart in the retail trade is detrimental for the traders and farmers of the country.
Party's national general secretary Dr. Prem Singh, Delhi state president Smt. Renu Gambhir, members of the national executive Anil Nauriya and Shiva Tripathi, HMS trade union leader Comrade Harbhajan Singh Sidhu, Justic Rajinder Sachar, veteran journalist Kuldeep Nayar, DUTA vice president Dr. Harish Khanna, Former MLA Dr. Rajkumar Jain and Ramgopal Sisodia, JNU Prof. Anand Kumar, Socialist Janata Party president Manju Mohan, Senior journalists Qurban Ali, Arun Tripathi, Dr and A. K. Arun, Nigam Parshad Rakesh Kumar, socialist leaders Vijay Pratap, Shyam Gambhir, comrade Baldev Sihag, Dr. Ashwani Kumar, Dr. Hemlata, Prof. Dwijendra Kalia, Satender Yadav, A.P. Khurana and several other activists/scholars will address the dharna.
We request you to kindly send reporter/team of your newspaper/channel to cover Socialist Party's protest against the neo-liberal onslaught on Indian economy and polity.




Dr. Prem Singh
(National General Secretary)
Socialist Party (India)
270-A, Patparganj,
Opp. Ananadlok Apartment,
Mayur Vihar-1, Delhi-110091
Phone no.- 011-22756203



Saturday 19 May 2012

Invitation

प्रिय साथी

28-29 मई को सोशलिस्ट पार्टी कि स्थापना का एक वर्ष पूरा हो जाएगा | विभिन्न राज्यों के सभी साथियों से निवेदन है कि वे इस अवसर पर अपने राज्य में कोई न कोई कार्यक्रम अवश्य आयोजित करें | कार्यक्रम में जयादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी होनी चाहिए और मीडिया में भी उसका कवरेज होना चाहिए | जिला और प्रखंड स्तर पर भी कार्यक्रम हो सकें तो ज्यादा अच्छा होगा | जिन राज्यों में पार्टी की इकाई अथवा समिति का गठन हो गया है वहां पार्टी का ईमेल तुरंत खोल लें ताकि सूचना लेने देने में आसानी रहे | उदहारण के लिए पार्टी की झारखंड इकाई का ईमेल पता socialistpartyindiajharkhand@gmail.com है | इसी नमूने पर हर राज्य के ईमेल पते बनाए जा सकते हैं |

जैसा कि  आपको सूचना है, 8-10 जून 2012 को सेवाग्राम, वर्धा में पार्टी का राष्ट्रीय शिविर आयोजित किया गया है | शिविर में जाने-माने विद्वान समसामयिक विषयों पर अपने विचार रखेंगे | तत्पश्चात खुली चर्चा होगी | पार्टी के सभी वरिष्ठ साथी शिविर में पहुंचें और प्रत्येक राज्य से 4-5 युवती-युवक शिविर में भेजने कि कोशिश करें | किस राज्य से कितने साथी और कब पहुँच रहे हैं, इसकी पूर्व सूचना दिल्ली ऑफिस या पन्नालाल जी को देने कि कृपा करें |

9 जून को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी | (शिविर के परिपत्र में यह बैठक 10 जून को होनी लिखी गई है) राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राज्य इकाइयों/समितियों के संयोजक/अध्यक्ष आमंत्रित हैं | राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य यह सूचना अपने राज्य के अध्यक्ष/संयोजक को दे दें | बैठक का मुख्य एजेंडा पार्टी के एक साल के काम-काज की समीक्षा और आगे के काम की योजना पर विचार करना है |

सभी साथी अपने अपने राज्य की रपट और सुझाव लिखित रूप में लेकर आएं | जिन राज्यों में स्थानीय निकाय अथवा विधानसभा चुनाव में हिस्सेदारी की गई है, उसका ब्यौरा- चुनाव क्षेत्र, उम्मीदवार और प्राप्त मत- भी लेकर आना है | सभी साथियों से निवेदन है की अपने राज्य का अभी तक का सदस्यता सम्बन्धी ब्यौरा भी लेकर आएं |

सादर

डॉक्टर प्रेम सिंह
मो. 09873276726

Invitation

Dear Comrade

The Socialist Party will complete one year of its formation on 28-29 May 2012. All office bearers of the party are requested to organise programs in their states to mark the occasion.  The programs should be formulated in such a manner that more and more people might participate and attempts should be made to ensure enough media coverage. It will be better if programs are organised on district or block level. Every state unit of the party should open its email account at the earliest to facilitate easy and prompt communication. The example of Jharkhand state unit can be followed which has opened its email account - socialistpartyindiajharkhand@gmail.com – by suffixing state name.
As you are aware, a national camp of the party is going to be held in Sewagram, Wardha, on 8-10 June 2012. Eminent scholars and activists have been invited to deliver lectures on important contemporary subjects. There will be an open discussion after the lecture. All senior party comrades should please make it convenient to attend the camp for all the 3 days and should also send 4-5 young women/men participants from their states. Please intimate your schedule well in advance to the Delhi office or to Pannalal ji.
The third national executive meeting of the party will be held on 9 June (in place of 10 June as given in the camp circular). The state unit/committee presidents/conveners are invited to attend the national executive meeting. The national executive members are requested to convey this information to their state unit/committee presidents/conveners. The main agenda of the meeting is the stock taking of one years party work and deliberations on future planning.
All members should please bring the report of their states and suggestions in writing. In case any state party has contested local body or state legislative assembly elections, the details – constituency, candidate and polled vote – of the same, should be brought by the president/convener. It is further requested to bring the details of memberships made in the states.

Sincerely

Dr. Prem Singh
Mob.: 09873276726

सोशलिस्ट पार्टी बिहार का गठन

भागलपुर स्थित गाँधी शांति प्रतिष्ठान में १ मई २०१२ को सोशलिस्ट पार्टी का सांगठनिक बैठक हुई जिसमें ८ जिलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया | बैठक में हुए चर्चा के बाद बिहार राज्य की २४ सदस्यीय तदर्थ समिति का गठन किया गया | जाने-माने समाजवादी नेता और लेखक डॉक्टर योगेन्द्र को समिति का संयोजक चुना गया | समिति में भागलपुर से भानु उदयन, डॉक्टर उमेश नीरज, मोहम्मद बाकिर हुसैन, डॉक्टर उमाशंकर भारती, गणेश दत्त सिंह, सतीशचंद्र सिन्हा, गौतम, डॉक्टर सुधांशु शेखर और राजीव राय,बांका से डॉक्टर अश्वनी, जीवन चौधरी और श्री प्रसाद यादव, पूर्णिया से अनिल पासवान और दीप प्रकाश, पटना से डॉक्टर सुशील कुमार और अशोक कुमार ठाकुर, लखीसराय से योगेन्द्र शर्मा, मुंगेर से डॉक्टर सुबोध कुमार और देवानंद, किशनगंज से अखिलेश कुमार महतो और मुज़फ्फरपुर से साकेत बिहारी प्रसाद शामिल हैं | इस अवसर पर सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता डॉक्टर प्रेम सिंह और सक्रिय सदस्य डॉक्टर अश्वनी कुमार मौजूद थे | बैठक में निर्णय लिया गया कि जल्दी ही राज्य के सभी जिलों में समितियों का गठन किया जायेगा और इसी साल दिसम्बर के पहले सप्ताह में पटना में राज्य सम्मेलन का आयोजन होगा |

बैठक में उपस्थित युवाओं और युवतियों के साथ सोशलिस्ट युवजन सभा (एसवाईएस) कि बिहार इकाई के गठन पर चर्चा हुई | गौतम को बिहार एसवाईएस का संयोजक नियुक्त किया गया |

समिति के संयोजक डॉक्टर योगेन्द्र ने कहा कि पार्टी विदेशी कंपनियों का विरोध करेगी और बिहार को अपने संसाधनों पर विकसित करने का पक्ष लेगी | वह ऐसे उद्योगों कि पैरवी करेगी जो मानवीय श्रम की अवहेलना न करें और प्रकृति का शोषण-दोहन न करे | बिहार में भूमि समस्या के कारन लगातार झगड़े और हत्याएं होती हैं | सरकार की गलत कृषि नीति के कारन किसानों की हालत ख़राब हो रही है | ज्यादा उपज के नाम पर महंगे बीज और कीटनाशक बेचने, विदेशी कंपनियों ने कृषि क्षेत्र को अपना बाजार बना रखा है | पार्टी इस समस्या का गंभीर अध्ययन और कृषि नीति की घोषणा कर सरकारी नीतियों के खिलाफ मुहीम चलाएगी | बिहार से कई महत्वपूर्ण नदियाँ गुजरती है, इसके बावजूद बिहारवासी गंभीर सिंचाई और पेयजल संकट झेल रहे है | सरकार करोड़ों की लुट के लिए नदियों पर तटबंध बनाने का खेल खेलती है | कोशी नदी पर बनाये गए तटबंधों का हश्र बिहारवासी देख चुके हैं, बावजूद इसके सरकार बागमती नदी पर तटबंध बना रही है | स्थानीय जनता इसके खिलाफ सड़क पर उतर चुकी है | सोशलिस्ट पार्टी जनता के साथ है और सरकार से मांग करती है कि अविलम्ब सरकार जनता कि मांग स्वीकार करे | पार्टी इस बात के लिए आन्दोलन चलायेगी कि प्रखंड और जिले स्तर का प्रशासन तंत्र चुने हुए प्रतिनिधियों के मातहत रहे | वह जाती प्रथा को तोड़ने के लिए सरकारी नौकरियों में अंतर्जातियें शादी करने वालों को अलग से आरक्षण देने की वकालत करेगी | प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों को सृजित-स्वीकृत पदों को सरकार ने खत्म कर दिया है | पार्टी शिक्षकों के सृजित पदों की वापसी के लिए आन्दोलन करेगी और वित्त रहित कॉलेजों के शिक्षक-कर्मचारियों को निर्धारित वेतनमान देने के लिए मांग करेगी | कार्यालय से लेकर स्कूल/कॉलेज तक में मातृभाषा को तरजीह देने और सभी जिलों में समान विकास के लिए पार्टी संघर्ष करेगी |

दुसरे सत्र में "डॉक्टर लोहिया का समाजवाद और वर्त्तमान परिस्थिति" पर संगोष्ठी हुई जिसके प्रमुख वक्ता डॉक्टर प्रेम सिंह थे | उनहोंने कहा कि पूंजीवाद का सही उत्तर समाजवाद में ही निहित है | लोहिया का समाजवाद का सिद्धांत भारत और दुसरे उपनिवेशित रहे देशों कि परिस्थितियों से निर्मित हुआ | वह छोटी मशीन और विकेंद्रीकरण पर आधारित है | डॉक्टर लोहिया वर्ण और वर्ग दोनों का विनाश चाहते थे | साथ ही वे वैयक्तिक स्वतंत्रता से पक्षधर थे | संगोष्ठी में डॉक्टर उपेन्द्र साह, कथाकार देवेन्द्र सिंह, दिवाकर घोष, अनिल पासवान, डॉक्टर मुकेश कुमार, उदय, डॉक्टर उमेश नीरज, डॉक्टर फारुख अली, डॉक्टर अश्वनी, सच्चिदानंद इंसान, गणेश दत्त सिंह आदि ने अपने विचार व्यक्त किये | संगोष्ठी में शहर के कई बुद्धिजीवी, शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए | संगोष्ठी का संचालन डॉक्टर योगेन्द्र ने और धन्यवाद ज्ञापन भानु उदयन ने किया |

नीरज सिंह 

Friday 18 May 2012

The cartoon controversy

The cartoon controversy
A severe blow to democracy
by Justice Rajindar Sachar (Retd)

The country has just witnessed a Shakespearan tragedy when both Houses of Parliament self-patted themselves and resolved to keep the dignity of Parliament at the highest. The members were, however, forgetful of the shameful furore in Parliament on May 11 over the reproduction of a cartoon in 1949 by Shankar depicting the delay in finalising the Constitution (which was done on November 26, 1949) and which has been included in the NCERT textbooks on political science of Class XI — the cartoon was alleged to have insulted Nehru and Dr Ambedkar.
The more worrying aspect was the almost craven response of the HRD Minister that he was directing the NCERT to stop the distribution of these textbooks and to review the same. He even gratuitously said that the government would review all the cartoons and this year the present textbooks would not be distributed. How sad? The sneezing irrelevant remark of a legislator is enough to give them shivers down the spine and to agree to delete the cartoons, ignoring the fact that these had been selected by two of our respected social scientists. Such is the panic of caste-based politics that apparently even sober legislators of all parties jumped in to support the suppression of the cartoon oblivious to the fact that both Nehru and Ambedkar took this cartoon as an expression of a right of free speech guaranteed to Indian citizens. It may help the legislators to know that Nehru had inaugurated Shankar's Weekly much earlier in 1948 and encouraged the cartoonist by openly telling him, "Do not spare me, Shankar". And Shankar went about the work but never did Pt Nehru or Parliament took any objection.

It was a surprisingly puerile and deliberately provocative suggestion by a lone member of Parliament (picked up immediately by all the parties, panic-ridden as they are by election phobia) that the cartoon should be treated as a castist slur on Ambedkar. How ironic that these self-proclaimed admirers of Ambedkar want to pigeon-hole him as a Dalit leader while in reality Dr Ambedkar's contribution to Constitution-making has been universally recognised and, in fact, was openly praised and complimented when President Rajendra Prasad, speaking during the closing address in the Constituent Assembly, said, "We could never make a decision which was or could be so right as when we put him on drafting committee and made him a Chairman. He has added lustre to the work which he has done."

The response of Dr Ambedkar was equally gracious when he said, "I feel so overwhelmed that I cannot find adequate words to express my gratitude to them. I am grateful to the Constituent Assembly reposing in me so much trust and confidence and have chosen me as their instrument and given me this opportunity of serving to country." How can then small self-appointed Dalit leaders dare to say that the contribution of Dr Ambedkar was not fully recognised during his lifetime.

Let me remind everyone that Dr Lohia, himself one of the tallest leaders of India, had openly stated that he considered Dr Ambedkar as the next biggest leader after Mahatma Gandhi that modern India had produced.

It pains one to say that while the country is so proud of its Fundamental Rights, including the Right of Speech and Press, the discussion in Parliament should have revolved on how to suppress the freedom of the Press by deleting the cartoon and also interfering with the freedom of the students to know about the trends and currents at the time the Constitution was being framed. This action of Parliament is antithetical to the strongly held view of Pt Nehru who said, "You do not change anything, you merely suppress the public manifestation of certain things thereby causing the idea and thought underlying them to spread further." 

The argument of the parliamentarians that these cartoons will spread a wrong notion of the politicians is a self-serving congratulatory observation and is an insult to the independent and wise-thinking of teachers and students themselves. Have we not already had in our country the unfortunate results of yielding to the threats of goons in banning the globally recognised paintings of Hussain who unfortunately, even after his death, could not have his paintings shown at an exhibition arranged by a government-appointed body on the unacceptable excuse that the organisers could not save the paintings from being damaged at the instance of some unruly elements. 

The intolerance against certain opinions is spoiling the free atmosphere at the universities as was demonstrated when Delhi University banned the teaching of three Ramayanas, a very researched and documented version by a well-known historian. The present discussion, if it leads to the deletion of these passages from the textbooks, would strike at one of our proudest Fundamental Right of Freedom of Speech, a constituent of democracy. It is well to remind everyone what John Stuart Mill in his essay on liberty said, "The need for allowing even erroneous opinions to be expressed on the ground that the correct ones become more firmly established by what may be called the dialectical process of a struggle with wrong ones which expose errors.” 

The Supreme Court has also emphasised that "intellectual advances made by our civilisation would have been impossible without freedom of speech and expression. The court has drawn its strength from the well-known expression of democratic faith expressed by the great French philosopher, Voltaire, "I do not agree with a word you say but I will defend to death your right to say it." The court has reminded that "Champions of human freedom of thought and expression through ages have relied that intellectual paralysis creeps over society which denies, in however subtle form, due freedom of thought and expression to its members. 

Dr Ambedkar was conscious of the danger to the dignity of an individual in our political system and gave the warning thus, "There is nothing wrong in being grateful to great men who have rendered life-long services to the country. But there are limits to gratefulness….. no nation can be grateful at the cost of liberty. This caution is far more necessary in the case of India than in the case of any other country. For in India Bhakti or what may be called path of devotion or hero worship plays a part in its politics unlike any other country in the world. Bhakti in religion may be a road to the salvation of the soul. But in politics Bhakti or hero-worship is a sure road to degradation and to eventual dictatorship".


The writer is a former Chief Justice of the Delhi High Court.

Thursday 17 May 2012

सोशलिस्ट पार्टी दिल्ली प्रदेश के सम्मेलन में पारित प्रस्ताव (२६ नवम्बर २०११)

देश की राजधानी में दिन-दहाड़े हत्याएं,लूटपाट और महिलाओं की अस्मत पर हमले होते हैं | पुरे प्रशासन में भ्रष्टाचार का बोलबाला है | निम्न और मध्य वर्ग पर महंगाई की भारी और लगातार मार पड़ रही है | लाखो बच्चे, बूढ़े, महिलायें चौराहों पर भीख माँगते हैं और सड़कों पर सोते हैं | लाखो बच्चे सम्पन्न परिवारों अथवा ढाबों में घरेलु नौकर हैं | ग्रामीण और शहर के पुराने इलाकों और गरीब बस्तियों में नागरिक सुविधाओं का नितांत अभाव है | बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी जीवन के लिए जरुरी सेवाओं का निजीकरण करके मुनाफाखोर कंपनियों के हवाले किया जा रहा है | सरकार स्कूल, प्रशिक्षण संस्थान, कॉलेज, विश्वविद्यालय, शोध संस्थान खोलने के बजाय किसानों से मिटटी के मोल ली गई जमीन आलिशान होटल, मौल, फार्म हाउस, रिजोर्ट, जुआ और शराब जे अड्डे खोलने के लिए कारपोरेट घरानों, धन्ना सेठों और बिल्डरों को लुटा रही है | दिल्ली में कांग्रेस के पिछले दस साल के शासन में विकास का एक ही अर्थ है : आमिर मालामाल और जनता बेहाल | सरकार का खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश की अनुमति का निर्णय उसी दिशा में उठाया गया एक और जन विरोधी कदम है | सोशलिस्ट पार्टी देश के करोड़ों खुदरा व्यापारियों और उनसे जुड़े उपभोक्ताओं की कीमत पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों को लाभ पहुँचाने वाले सरकार के इस निर्णय का कड़ा विरोध करती है |


राष्ट्रमंडल खेलों में शीला दीक्षित और उनकी सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त पाई गई | उनका इस्तीफा होना चाहिए था और मुक़दमा चलना चाहिए था | लेकिन भ्रष्टाचार और कुशासन में डूबी दिल्ली सरकार का कांग्रेस आलाकमान बेशर्मी से बचाव कर रहा है | सोशलिस्ट पार्टी शुंगलू कमेटी के खुलासे के आधार पर शीला दीक्षित पर मुकदमा चलाने की मांग करती है |

शीला दीक्षित ने नगर निगम को तीन भागों में बाँट कर पिछले दस साल के भ्रष्टाचार और कुशासन से जनता का ध्यान हटाने का पैंतरा चला है | आगामी नगर निगम चुनाओं के मद्दे नजर वह सरकार की उपलब्धियों के विज्ञापनों पर जनता की गाढ़ी कमाई का धन फूंक रही है | जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, लेखकों, कलाकारों, पत्रकारों और बुद्धिजीवियों को अपने पक्ष में करने के लिए धनराशी बढ़ा दी गई है | चुनावों में पैसा और शराब पानी की तरह बहाने में कॉग्रेस का पहले से ही कोई सानी नहीं है | सोशलिस्ट पार्टी लोकतंत्र को विकृत करने के कांग्रेस कारनामों को जन-जन तक ले जाकर उसके खिलाफ जनमत बनाएगी |
सोशलिस्ट पार्टी भ्रष्ट और कारपोरेट सेवी कांग्रेस और उसकी बी टीम भाजपा की जगह दिल्ली में साफ़-सुथरी और आम आदमी के हित और उत्थान को सबसे ऊपर रखने वाली राजनीति खड़ा करने के संघर्ष में जुटी है | उसी आधार पर पार्टी ने आगामी नगर निगम चुनाव में हिस्सा लेने का फैसला किया है | अगला विधानसभा चुनाव भी सोशलिस्ट पार्टी लड़ेगी | निचे दिए गए मुद्दे लेकर पार्टी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आन्दोलन चला रही है :

१. भूमि अधिग्रहण कानून पूरी तरह रद्द होना चाहिए |
२. राष्टीय स्तर पर एक भूमि उपयोग आयोग (land use commission) का गठन होना चाहिए |
३. किसी भी रूप में शिक्षा का निजीकरण बंद होना चाहिए और गुणवत्तायुक्त समाज शिक्षा मातृभाषा में दी जानी चाहिए | दिल्ली विश्वविद्यालय का पूर्वी परिसर बिना किसी देरी के शुरू किया जाना चाहिए |
४. दिल्ली में बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं का निजीकरण बंद होना चाहिए | बिजली, पानी, पेट्रोल, दूध व अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतें अविलम्ब घटाई जानी चाहिए |
५. दिल्ली के गावों में वहां के समस्त नागरिको के हितों को तवज्जो देते हुए आवास, सड़क, बिजली, पानी, पुस्तकालय, महिला केंद्र, बाल केंद्र, स्वस्थ्य केंद्र, पार्क, सामुदायिक स्थल, स्कूल, कॉलेज, वोकेशनल संस्थान, आदि की सुविधाएं, मुहैया कराई जानी चाहिए | किसानों के अलावा खेती पर निर्भर रहने वाले कारीगर परिवारों को रिहायशी प्लाट मिलने चाहिए |
६.स्वरोजगार के इच्छुक नागरिकों को लघु उधोग चलाने की छुट व सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर दी जानी चाहिए |
७. अनियमित कॉलोनियों को समुचित नागरिक सुविधाएं देकर नियमित किया जाना चाहिए |
८. कानून व्यवस्था, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम होना चाहिए |


प्रस्तावक : डॉक्टर प्रेम सिंह
समर्थक : डॉक्टर मोहम्मद युनुस 

Sunday 13 May 2012

सोशलिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दूसरी बैठक ५ नवम्बर २०११ को लोहिया मजदूर भवन,लखनऊ में सम्पन्न

सोशलिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दूसरी बैठक ५ नवम्बर २०११ को लोहिया मजदूर भवन,लखनऊ में सम्पन्न हुई | बैठक की अध्यक्षता भाई वैध (अध्यक्ष) और संचालन डॉक्टर प्रेम सिंह ने किया | कार्यकारिणी के सदस्यों पन्नालाल सुराणा.ओंकार सिंह,जयंती पंचाल,गिरीश पाण्डेय,तारकेश्वर सिंह,म.पापी रेड्डी,जेएस वालिया, डॉक्टर संमथ नाथ घोष,पी चिदंबरम तथा एसवाईएस की राष्ट्रीय समिति के सदस्य नीरज सिंह ने बैठक में हिस्सा लिया | बैठक शुरू होने के पहले समाजवादी साथी प्रवीन बाघ और हिंदी के मूर्धन्य लेखक श्रीलाल शुक्ल को श्रद्धांजलि दी गई | अपने उदबोधन में भाई वैध ने ख़ुशी जाहिर की कि विभिन्न राज्यों में पार्टी कि इकाइयां गठित करने और राज्य सम्मलेन आयोजित करने का काम तेजी से चल रहा है | उनहोंने सदस्यता अभियान और कोष इक्ठ्ठा करने पर बल दिया |

बैठक में पार्लियामेंट्री बोर्ड का विस्तार किया गया | पन्नालाल सुराणा पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष हैं | उनके साथ जया विदयाला (आन्ध्र प्रदेश) को सचिव और प्रोफ़ेसर विनोद प्रसाद सिंह (बिहार),अनिल नौरिया (दिल्ली),बलवंत खेडा (पंजाब),उमाशंकर मिश्र(उतर प्रदेश), एमपी सिंह (पश्चिम बंगाल) को सर्वसम्मति से सदस्य चुना गया | पी. चिदंबरम की अध्यक्षता में एक कोष कमेटी का गठन किया गया जिसमें सभी राज्यों से दो-तीन सदस्य होंगे | दिल्ली से इंद्रदेव और अक्षय भंडारी,यूपी से गिरीश पाण्डेय और उमाशंकर मिश्रा,पश्चिम बंगाल से बीसी पाल, महाराष्ट्र से डॉक्टर शांति पटेल,डॉक्टर जीजी पारीख,लीला चित्रे,भरत लाटकर और बबन डिसूजा, झारखण्ड से राजेंद्र कुमार राही,उतराखंड से मोहम्मद कुरैशी, हिमाचल प्रदेश से देवराज दुग्गल, चंडीगढ़ से अशोक निर्दोष, पंजाब से हरेन्द्र सिंह, हरियाणा से जेएस वालिया और महेंद्र सिंह यादव, आन्ध्र प्रदेश से पापी रेड्डी और प्रो. केशवराव जाधव को कोष कमेटी का सदस्य बनाया गया है | कोष कमेटी अगले एक साल में एक करोड़ रूपया जुटाने का लक्ष्य पूरा करने का प्रयास करेगी |

बैठक में पन्नालाल सुराणा ने चुनाव विषयक संहिता पर प्रस्ताव पेश किया जिसे चर्चा के बाद समुचित संशोधनों के साथ स्वीकार कर लिया गया | अनिल नौरिया और विमल दवे को राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के नए सदस्यों के रूप में शामिल किया गया | दिल्ली राज्य समिति के वरिष्ठ सदस्य इंद्रदेव और अनिल नौरिया डॉक्टर प्रेम सिंह के साथ अतिरिक्त पार्टी प्रवक्ता की जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे | आगे से राज्यों के अध्यक्ष और महासचिव राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे | सोशलिस्ट युवजन सभा के अध्यक्ष डॉक्टर अभिजीत वैध द्वारा भेजी गई अभी तक के काम की विस्तृत रपट बैठक में पढ़ी गई | १८ दिसम्बर २०११ को एसवाईएस का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन पुणे में होने जा रहा है जिसमें कई प्रदेशों से कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे |

अभी तक महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, झारखंड,पश्चिम बंगाल, उतर प्रदेश में पार्टी की राज्य इकाइयों का गठन हो चूका है | महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, गोवा, झारखंड, उत्तर प्रदेश के राज्य सम्मेलन सम्पन्न हो चुके हैं | पश्चिम बंगाल का राज्य सम्मेलन २० नवम्बर, दिल्ली का २६ नवम्बर,पंजाब का २७ नवम्बर,और आन्ध्र प्रदेश का ३० नवम्बर २०११ को होगा | केरल का राज्य सम्मेलन १५ जनवरी को होना तय हुआ है |

बैठक में राजनीतिक,आर्थिक और शैक्षिक प्रस्तावों पर चर्चा हुए और पारित किया गया | जो संक्षेप में इस प्रकार हैं :

राजनीतिक प्रस्ताव:
तेलंगाना राज्य के अलग गठन की मांग को लेकर आन्ध्र प्रदेश की जनता लम्बे समय से लगातार आन्दोलन कर राही है | भारत सरकार उस मांग को स्वीकृति दे चुकी है | आन्दोलन के चलते छात्रों की पढाई का नुकसान हो रहा है और नागरिकों को असुविधावों का सामना करना पड़ रहा है | लिहाजा, सोशलिस्ट पार्टी की मांग है की सरकार के फैसले को तुरंत अमल में लाते हुए अलग तेलंगाना राज्य का गठन किया जाये |

देश के पांच राज्यों - उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड.पंजाब, गुजरात, और गोवा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं | नेता, जाती या धर्मं के नाम पर चलाई जाने वाली पार्टियां जनता के मसलों और समस्याओं को हल नहीं कर सकतीं | सोशलिस्ट पार्टी की धारणा है की किसानों, आदिवासियों, दलितों, छोटे व्यापारियों, महिलाओं, बेरोजगार नौजवानों और छात्रों की अहम समस्याएं सुलझाने के लिए बाजारवाद से हट कर समाजवादी नीतियों पर अमल करना होगा | राष्ट्रीय कार्यकारिणी का निर्णय है की इसके लिए पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों में नेक और जुझारू उम्मीदवार उतारेगी |

आर्थिक प्रस्ताव: सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम बढ़ा कर महंगाई की आग में तेल डालने का काम किया है | उस पर प्रधानमन्त्री का यह कहना की 'ये सब बातें बाजार पर छोड़ देना चाहिए' जले पर नमक छिड़कने जैसा है | बाजार ने अमेरिका और यूरोप के सवाल हल करने के बजाय वहां हालात बिगाड़ कर रख दिए हैं | महंगाई और बेरोजगारी बढ़ती जा रही है | पूंजीवाद के खिलाफ वहां के लोग सडको पड़ आ गए हैं | सरकार किसानों को उनकी उपज का लागत दाम भी नहीं देना चाहती और बड़े व्यापारियों को जनता की गाढ़ी कमाई पर मुनाफा कमाने की खुली छुट देती है | खद्दान्न, समेंट, स्टील, लोहा आदि सभी जरुरी चीजों के दाम पिछले बीस सालों में बेतहाशा बढ़ गए हैं | भारत में मेहनतकश आदमी की जिन्दगी दुश्वार हो गई है | सोशलिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी मांग करती है की फौरी राहत के लिए राष्ट्रीयकृत बैंक किसानों को कर्जा दें और जीवनावश्यक चीजें किफायती दामों पर जनता को उपलब्ध कराई जाये |

शिक्षा पर प्रस्ताव:
भारत की सरोकारों द्वारा चलाई जा रही नवउदारवादी नीतियों का शिकंजा शिक्षा पर तेजी से कसा जा रहा है | प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक, एक तरफ शिक्षा जैसे विषय को मुनाफे का व्यवसाय बनाया जा रहा है, दूसरी तरफ कारपोरेट पूंजीवाद विचारधारा को आगे बढाने का माध्यम | सरकारी स्कूल, महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों की जगह प्राइवेट स्कूल, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय लाए जा रहे हैं | साथ ही विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में आमंत्रित किया जा रहा है | शिक्षा इस कदर महँगी बना दी गई है की देश की ज्यादातर गरीब आबादी की पहुँच से बाहर हो गई है | सोशलिस्ट पार्टी शिक्षा के निजीकरण और बाजारीकरण की सरकारी मुहीम का पुरजोर विरोध करती है | पार्टी मांग करती है की सबको समान और गुणवत्तायुक्त शिक्षा पडोसी स्कूलों के जरिये मातृभाषा में राज्य द्वारा उपलब्ध कराई जाए | शिक्षा का पाठ्यक्रम भारतीय संविधान के अनुकूल सबकी बराबरी, परस्पर सहयोग और धर्मंनिरपेक्षता के मूल्यों को सिखाने और आगे बढाने वाला होना चाहिए | पार्टी मांग करती है की सरकार द्वारा काफी पहले से स्वीकृत जीडीपी का ६ प्रतिशत शिक्षा पर खर्च किया जाना चाहिए | इन मुद्दों पर पार्टी के अध्यक्ष भाई वैध के नेतृत्व में जो आन्दोलन चल रहा है उसे सशक्त बनाने का संकल्प सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी लेती है |

प्रेम सिंह
महासचिव व प्रवक्ता

Friday 4 May 2012

Socialist Party (India) Name, Objectives, Constitution and Rules


      Adopted at the Foundation Conference of the Party, at Hyderabad on 28thMay, 2011 (Twenty Eight May Two Thousand Eleven)

1.     Name-The name of the organization will be Socialist Party(India).
2.     Objectives-The aim of the Socialist Party (India) is to establish a socialist society. The Party believes that socialist society can be achieved only by total revolution . The Party will carry on activities conducive to propagation  of socialist policies and programs. The members will engage  in constructive activities like cooperative management of both production and distribution sectors. The Party will promote decentralization of economic activities by developing small scale industries based on controllable machines as far as possible. Party will launch peaceful struggles against anti-people activities of the rural classes and the State. The Party will also participate in parliamentary processes like fighting elections held by the Election Commission of India within five years of the formation of the Party to stabilize gains of the  movement. The Party also believes that socialism cannot be achieved unless socialist mind of the people is developed .It can be achieved through change of approach and habits for which cultural revolution will have to be engineered .Women and backward castes will have to be empowered so that they can effectively influence decision making process.
The Part y  will not indulge in violent activities nor would it incite or encourage it. The Party is firmly committed to peaceful means .

3 . Allegiance to the Constitution--The Socialist Party(India) shall bear true faith and allegiance to the Constitution of India as by law established and to the principles of socialism , secularism and democracy and would uphold the sovereignty, unity and integrity of India.

4.     Central Office- The Central Office of the Party will be at the office of the Vidyut Mazdoor Panchayat, Lohia  Mazdoor Bhawan, 41/557, Dr. Tufail Ahmed Marg, Narahi, Lucknow.(U.P) Pin. 226001.

5.     Membership- There will be two types of membership-a. Primary member, and b. active member.
a). Primary member- Any Indian citizen having attained age of eighteen years  and subscribing to the objectives of the Party may become primary member of the Party by paying Rs. 10 (Ten rupees only) as membership fee for two years. After two years, membership will have to be renewed. Membership  year will start from 1st April.
                                                                                                        
b). A primary member of the Party can become Active member after approval of the State committee on recommendation of  respective district committee which will verify conduct of the person for one year, and his political and personal behavior and commitment to democratic socialism , the financial contribution given or collected by him , his participation in agitations, meetings and readiness to sacrifice for the party. He should follow party discipline and code of conduct prepare by the Party. He has to contribute 5% of his income to the party funds regularly .He should enroll at least 20 primary members of the party one-third of whom must be female.

6.Organisational  structure—
a) Village/ town committee-If at least 20 primary   members and (one active ) are enrolled in a village/town , a village/ town committee may be formed. There will be one president and one secretary and five members  who will be elected in a meeting of all the members of the party in that locality. The committee will meet at least once a week to chalk out activities of the party.
b)A block/ tehsil  committee  can be formed if at least primary party units are formed in at least 5 % of the villages in the tehsil.The committee will have one president, one secretary, one treasurer and four members  to be elected in a meeting of all the members residing in the tehsil. It will meet once in a month to chalk out activities.
c) District committee can be formed if at least two block/tehsil committees are properly constituted in the district. There will be one president, one secretary, one treasurer and seven members  to be elected in a meeting of all members of the tehsil committees of the  district. It will meet once in two months to chalk out activities.
Note- A metropolitan city or one having municipal corporation will be deemed as a district for this purpose.
d)State Committee-A State committee can be formed if at least five district committees are constituted in the state. It will have  one president, three vice presidents, three general secretaries, three secretaries, one treasurer and 21 members to be elected in a biennial meeting of all members of the district committees in the state.
A state committee-
i) may appoint ad hoc committee for a district in which no members are enrolled,
ii) may print membership books and other literature.
iii) keep proper accounts of all monies received and spent for the party. It will have to remit  to the Central Office membership fee share.
iv) keep records of activities of the active members.
v) may elect state Discipline Committee (with one president, one secretary and three members) which will start disciplinary action process against a member who has committed an act detrimental to the interests of the party and after giving him opportunity to put forth his case may recommend to the national level Discipline Committee to take disciplinary action against the person.
vi) may meet once in three months to discuss and decide about political and organizational matters.
e) National  Council—National council will be the apex body of the Party. Each properly constituted district committee will elect three members of the National Council. Number of members of the National Council will not exceed  5 % of the total members of the Party.

The National Council will meet once in two years   and elect one president, three vice presidents, three general secretaries, three secretaries and one treasurer plus 31 members of the National Committee. The president will preside over meetings of the National Council and also the National committee.
National Council will discuss political matters and formulate policies. Amendment to the constitution of the party as also decision about merger or dissolution of the party will be taken in the meeting of the National Council convened for that purpose.

Discipline Committee of one  chairman , one secretary and three members  will be elected by the National Council. If any member of the party commits an  act of  indiscipline   that would be detrimental to the interests of the party, Discipline Committee , on complaint by any party committee , or suo moto, can initiate disciplinary action  and after giving due opportunity to the person concerned to explain his behavior, may debar the person from the membership of the party. The person aggrieved by the decision of the Discipline Committee may prefer an appeal before the National committee which will hear him and take decision.
f) National Committee - After the National Council  elects National Committee, it may
i) elect four vice-presidents and three secretaries of the Party,
ii) will meet once in six months
iii) will run Central office of the Party and take decisions about the personnel therein, and other related matter and engage with the Election Commission of India as and when required.
iv)constitute  Central Parliamentary board with one president, one secretary and five members which will decide candidates of the party for Parliamentary and State legislature elections. Its decisions will be final.
v) to take steps  towards implementation of the decisions of the National Council,
vi) to decide about opening and running of the bank accounts of the party, and maintain accounts of receipts and expenses and get them audited by a Chartered accountant. 
vii) submit   copy of the income tax return to the Election Commission within 60 days of completion of the financial year .
viii) to formulate code of conduct for party members and make rules about the division of membership fees and other party funds.

7.Rules to be followed by committees at all levels :
i)Term of the committee above block/tehsil level will be two years.
ii)Only active members will be eligible to  contest election to   a committee above district level.
iii)Party will strive to have 33 % female members in every committee but it will at least have 10 % of the members from females and  S.T./S.C./OBC/VJNT and minorities.
iv) all decisions in every committee will be taken by majority of the members present and voting.
v) Quorum will be one-third  for the meetings all committees.

8.Amendment to the party constitution-If the National committee feels that a certain amendment to the party constitution  (except Article 3 )is to be effected , it may convene special convention of the National Council where decision will be taken by 3/4th majority of those present and voting.

9. Merger/dissolution of the party - If the  National Committee feels that the party is to be merged with any other party or to be dissolved, it will convene a special convention of the National Council and also invite members of the National, State and district committees to that special convention which, after deliberations, take decision by 3/4th majority.

10. Submission of the party accounts – The party will submit its annual finacial return to the Commission within 6 months of the end of each financial year and audit of the party accounts will be conducted by an auditor empannelled with the CAG. The fund of the party will be used for political purpose only and the party will abide by the instructions issued by the Commission from time to time in the maintenace of its acoounts.

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