22 सितंबर 2014
प्रैस रिलीज
चीन के कब्जे से
जमीन वापस हो और तिब्बत आजाद हो
बुलेट ट्रेन नहीं
सुरक्षित समयबद्ध सस्ती रेलसेवा चाहिए
बीमा क्षेत्र में
बिदेशी निवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगे
राजनीतिक पार्टियों
का जमा-खर्च सूचना अधिकार के दायरे में हो
सोशलिस्ट पार्टी ने उदयपुर
में आयोजित तीन दिवसीय (19-21 सितंबर 2014) राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पारित प्रस्ताव कहा
है कि जब तक भारत की 20 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन को चीन के कब्जे से वापस नहीं लिया
जाता तब तक भारतीय सीमा में चीनी सेना की घुसपैठ जारी रहेगी। चीन के अध्यक्ष जिन पिंग
की भारत यात्रा और दोनों देशों के बीच होने वाले समझौतों के बारे मे सोशलिस्ट पार्टी
का मानना है कि इससे दुनिया में भारत की छवि याचक की और चीन की छवि दाता की बनी है। इससे खुद को ‘हिंदू राष्ट्रवादी’ कहने वालों की राष्ट्रभक्ति
का खोखलापन जगजाहिर हो गया है। सोशलिस्ट पार्टी ने मेहनतकश जनता को आगाह करते हुए कहा
कि उपभोक्तावादी हविस का मारा भारत का शासक वर्ग एक ओर देश के बेशकीमती संसाधनों को
बेचता है, दूसरी ओर विदेशी निवेश की भीख मांगता है।
डाॅ. लोहिया ने तिब्बत पर
चीन के हमले को ‘शिशु हत्या’ की संज्ञा दी थी। प्रधानमंत्री ने चीन के राष्ट्रपति के साथ अपनी बातचीत मे तिब्बत
की स्वाधीनता, जो भारत की मांग रही है, का कोई जिक्र नहीं किया।
सोशलिस्ट पार्टी ने बुलेट
और हाई स्पीड टेªन चलाने का कड़ा विरोध करते हुए मांग की है कि देश में, खास कर दूरदराज पिछड़े इलाकों में,
सुरक्षित, समयबद्ध, स्वच्छ, सुविधापूर्ण और सस्ती रेलसेवा
उपलब्ध कराने का काम सरकार को करना चाहिए। इंश्योरंस में खुद पाॅलिसी धारक को धन देना
होता है। लिहाजा, बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की बात करना भ्रामक है। पार्टी ने बीमा क्षेत्र
में विदेशी कंपनियों के आने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
मौजूदा सरकार और प्रधानमंत्री
योजना आयोग को भंग करके सीधे कारपोरेट घरानों के लिए देश की अर्थव्यवस्था को चलाना
चाहते हैं। सोशलिस्ट पार्टी का मानना है कि भारत जैसे गरीब देश में विकास और उसके मुताबिक
आर्थिक योजना निर्माण का काम राज्य के नीति निर्देशक तत्वों व संविधान के 73वें और 74वें संशोधनों के तहत स्थानीय
निकायों के स्तर से शुरू होना चाहिए। उसमें आदिवासियों, दलितों, किसानों, मजदूरों, महिलाओं का समुचित प्रतिनिधित्व होना
चाहिए। पार्टी का मानना है कि डाॅ. लोहिया के चैखंभा राज की अवधारणा के आधार पर विकेंद्रित
व्यवस्था कायम करके ही वंचित तबकों का सही मायने में सशक्तीकरण किया जा सकता है।
राजनीतिक पार्टियों के जमा-खर्च
के हिसाब को सूचना अधिकार के दायरे में लाने की अपनी मांग को सोशलिस्ट पार्टी ने फिर
दोहराया है। पार्टी इसके लिए हस्ताक्षर अभियान चलाएगी।
कार्यकारिणी में फैसला किया
गया कि इरोम शर्मिला की रिहाई और अफ्सपा को हटाने की मांग को लेकर सोशलिस्ट पार्टी
की सभी राज्य इकाइयां डाॅ. लोहिया की पुण्यतिथि आगामी 12 अक्तूबर को एक दिन के उपवास का आयोजन
करेंगी।
बैठक की अध्यक्षता पार्टी
के अध्यक्ष भाई वैद्य, पूर्व गृहमंत्री, महाराष्ट्र, ने की। सोशलिस्ट पार्टी राजस्थान के अध्यक्ष डाॅ. श्रीराम
आर्य ने पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकारिणी सदस्यों का स्वागत किया।
डाॅ. प्रेम सिंह
महासचिव/प्रवक्ता
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