20 जून 2018
प्रेस रिलीज़
डॉ. अभिजीत वैद्य
राष्ट्रीय प्रवक्ता
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सोशलिस्ट पार्टी का मानना है कि भाजपा द्वारा जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ़्ती सरकार, जिसका वह पिछले साढ़े तीन साल से हिस्सा थी, से समर्थन वापसी का अचानक फैसला भाजपा/आरएसएस के अवसरवादी और गैर-जिम्मेदार चरित्र की एक और मिसाल है. खुद भाजपा और आरएसएस के सूत्रों से यह साफ़ हो गया है कि भाजपा ने यह फैसला 2019 के लोकसभा चुनाव में फायदा उठाने की नीयत से किया है. यह फैसला बताता है कि भाजपा/आरएसएस का राष्ट्रवाद एक खोखला नारा है. भाजपा/आरएसएस सत्ता हथियाने औरबिना जिम्मेदारी सत्ता का उपभोग करने के लिए राष्ट्र के नाम का इस्तेमाल करते हैं. दरअसल, इस फैसले से भाजपा/आरएसएस ने राष्ट्रीय हित और राष्ट्रीय सुरक्षा को बुरी तरह खतरे में डाल दिया है.
भाजपा के इस अवसरवादी और गैर-जिम्मेदारना फैसले से जम्मू-कश्मीर में हालात और बिगड़ सकते हैं. ऐसा होने से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि पर असर पड़ेगा. लिहाज़ा, वहां लोकतांत्रिक रूप से चुनी चुनी हुई सरकार का होना निहायत ज़रूरी है. ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और चेतना के प्रति सजगता बनी रहे.
भाजपा के समर्थन वापसी के बाद किसी अन्य गठबंधन सरकार की संभावना फिलहाल नज़र नहीं आ रही है. पहले का अनुभव बताता है कि जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लम्बे समय तक कारगर नहीं हो सकता.
सोशलिस्ट पार्टी की मांग है कि जम्मू-कश्मीर में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराये जाएं. सोशलिस्ट पार्टी की पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस समेत अन्य छोटे दलों से अपील है कि वे जोर देकर जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग उठायें.
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