Saturday 19 May 2012

सोशलिस्ट पार्टी बिहार का गठन

भागलपुर स्थित गाँधी शांति प्रतिष्ठान में १ मई २०१२ को सोशलिस्ट पार्टी का सांगठनिक बैठक हुई जिसमें ८ जिलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया | बैठक में हुए चर्चा के बाद बिहार राज्य की २४ सदस्यीय तदर्थ समिति का गठन किया गया | जाने-माने समाजवादी नेता और लेखक डॉक्टर योगेन्द्र को समिति का संयोजक चुना गया | समिति में भागलपुर से भानु उदयन, डॉक्टर उमेश नीरज, मोहम्मद बाकिर हुसैन, डॉक्टर उमाशंकर भारती, गणेश दत्त सिंह, सतीशचंद्र सिन्हा, गौतम, डॉक्टर सुधांशु शेखर और राजीव राय,बांका से डॉक्टर अश्वनी, जीवन चौधरी और श्री प्रसाद यादव, पूर्णिया से अनिल पासवान और दीप प्रकाश, पटना से डॉक्टर सुशील कुमार और अशोक कुमार ठाकुर, लखीसराय से योगेन्द्र शर्मा, मुंगेर से डॉक्टर सुबोध कुमार और देवानंद, किशनगंज से अखिलेश कुमार महतो और मुज़फ्फरपुर से साकेत बिहारी प्रसाद शामिल हैं | इस अवसर पर सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता डॉक्टर प्रेम सिंह और सक्रिय सदस्य डॉक्टर अश्वनी कुमार मौजूद थे | बैठक में निर्णय लिया गया कि जल्दी ही राज्य के सभी जिलों में समितियों का गठन किया जायेगा और इसी साल दिसम्बर के पहले सप्ताह में पटना में राज्य सम्मेलन का आयोजन होगा |

बैठक में उपस्थित युवाओं और युवतियों के साथ सोशलिस्ट युवजन सभा (एसवाईएस) कि बिहार इकाई के गठन पर चर्चा हुई | गौतम को बिहार एसवाईएस का संयोजक नियुक्त किया गया |

समिति के संयोजक डॉक्टर योगेन्द्र ने कहा कि पार्टी विदेशी कंपनियों का विरोध करेगी और बिहार को अपने संसाधनों पर विकसित करने का पक्ष लेगी | वह ऐसे उद्योगों कि पैरवी करेगी जो मानवीय श्रम की अवहेलना न करें और प्रकृति का शोषण-दोहन न करे | बिहार में भूमि समस्या के कारन लगातार झगड़े और हत्याएं होती हैं | सरकार की गलत कृषि नीति के कारन किसानों की हालत ख़राब हो रही है | ज्यादा उपज के नाम पर महंगे बीज और कीटनाशक बेचने, विदेशी कंपनियों ने कृषि क्षेत्र को अपना बाजार बना रखा है | पार्टी इस समस्या का गंभीर अध्ययन और कृषि नीति की घोषणा कर सरकारी नीतियों के खिलाफ मुहीम चलाएगी | बिहार से कई महत्वपूर्ण नदियाँ गुजरती है, इसके बावजूद बिहारवासी गंभीर सिंचाई और पेयजल संकट झेल रहे है | सरकार करोड़ों की लुट के लिए नदियों पर तटबंध बनाने का खेल खेलती है | कोशी नदी पर बनाये गए तटबंधों का हश्र बिहारवासी देख चुके हैं, बावजूद इसके सरकार बागमती नदी पर तटबंध बना रही है | स्थानीय जनता इसके खिलाफ सड़क पर उतर चुकी है | सोशलिस्ट पार्टी जनता के साथ है और सरकार से मांग करती है कि अविलम्ब सरकार जनता कि मांग स्वीकार करे | पार्टी इस बात के लिए आन्दोलन चलायेगी कि प्रखंड और जिले स्तर का प्रशासन तंत्र चुने हुए प्रतिनिधियों के मातहत रहे | वह जाती प्रथा को तोड़ने के लिए सरकारी नौकरियों में अंतर्जातियें शादी करने वालों को अलग से आरक्षण देने की वकालत करेगी | प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों को सृजित-स्वीकृत पदों को सरकार ने खत्म कर दिया है | पार्टी शिक्षकों के सृजित पदों की वापसी के लिए आन्दोलन करेगी और वित्त रहित कॉलेजों के शिक्षक-कर्मचारियों को निर्धारित वेतनमान देने के लिए मांग करेगी | कार्यालय से लेकर स्कूल/कॉलेज तक में मातृभाषा को तरजीह देने और सभी जिलों में समान विकास के लिए पार्टी संघर्ष करेगी |

दुसरे सत्र में "डॉक्टर लोहिया का समाजवाद और वर्त्तमान परिस्थिति" पर संगोष्ठी हुई जिसके प्रमुख वक्ता डॉक्टर प्रेम सिंह थे | उनहोंने कहा कि पूंजीवाद का सही उत्तर समाजवाद में ही निहित है | लोहिया का समाजवाद का सिद्धांत भारत और दुसरे उपनिवेशित रहे देशों कि परिस्थितियों से निर्मित हुआ | वह छोटी मशीन और विकेंद्रीकरण पर आधारित है | डॉक्टर लोहिया वर्ण और वर्ग दोनों का विनाश चाहते थे | साथ ही वे वैयक्तिक स्वतंत्रता से पक्षधर थे | संगोष्ठी में डॉक्टर उपेन्द्र साह, कथाकार देवेन्द्र सिंह, दिवाकर घोष, अनिल पासवान, डॉक्टर मुकेश कुमार, उदय, डॉक्टर उमेश नीरज, डॉक्टर फारुख अली, डॉक्टर अश्वनी, सच्चिदानंद इंसान, गणेश दत्त सिंह आदि ने अपने विचार व्यक्त किये | संगोष्ठी में शहर के कई बुद्धिजीवी, शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए | संगोष्ठी का संचालन डॉक्टर योगेन्द्र ने और धन्यवाद ज्ञापन भानु उदयन ने किया |

नीरज सिंह 

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