Tuesday 14 August 2012

मुझे नया खून मिलता है ९ अगस्त से - जस्टिस सच्चर

अगस्त क्रांति के शहीदों की याद में हर साल की तरह दिल्ली के समाजवादियों ने सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के तत्वाधान में राजघाट से आचार्य नरेन्द्र देव वाटिका तक पैदल मार्च निकाला | वरिष्ठ समाजवादी नेता डॉ. राजकुमार जैन और रेनू गंभीर के नेतृत्व में 'अगस्त के शहीदों को भूलो मत', 'अगस्त क्रांति जिंदाबाद', 'भारत छोडो आन्दोलन जिंदाबाद', 'महात्मा  गाँधी अमर रहे', नारे लगाते हुए बड़ी संख्या में समाजवादी कार्यकर्ता गांधी समाधी से आचार्य नरेन्द्र देव की प्रतिमा पर पहुंचे | वहां जस्टिस राजेंद्र सच्चर की अगुआई में भारतीय समाजवाद के पितामह अचार्य जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया |

तत्पश्चात जस्टिस राजेंद्र सच्चर की अध्यक्षता में खुदरा में विदेशी निवेश के खिलाफ जनसभा सम्पन्न हुई |  पार्टी के महासचिव डॉ. प्रेम सिंह ने बताया कि सोशलिस्ट पार्टी ने खुदरा में एफ. डी. आई. के विरोध में जंतर मंतर पर एक दिन का धरना दिया था और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा था | वह ज्ञापन एक कवरिंग लेटर के साथ सभी गैर-कांग्रेस पार्टियों के पदाधिकारियों और मुख्यमंत्रियों को भेजा | इस अनुरोध के साथ कि वे सरकार के इस निर्णय को हमेशा के लिए रद्द कराएँ | उनहोंने बताया कि सोशलिस्ट पार्टी एफ. डी. आई. के विरोध, शिक्षा के निजीकरण व बाजारीकरण के विरोध और देश में भूमि आयोग के गठन कि मांग को लेकर व्यापक राष्ट्रीय जागरूकता अभियान चला रही है | उसी कड़ी में आज कि यह सभा है | डूटा के उपाध्यक्ष डॉ. हरीश खन्ना ने कहा कि एफ. डी. आई. कि यह प्रक्रिया उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी शुरू हो चुकी है जो देश के युवाओं के साथ धोखा है | सरकार देश की शिक्षा को भी विदेशी पूंजी के बाजार के लिए खोल रही है |  राजकुमार जैन ने अगस्त क्रांति के महान नेताओं और उनके योगदान को याद किया | उनहोंने कहा कि यह हमारे पुरखों के बलिदान का दिन है | आज हम उनका सम्मान करते हैं |यह कार्यक्रम हम अपनी ख़ुशी के लिए करते हैं | डॉ. एके.अरुण ने कहा कि सोशलिस्ट पार्टी ने एक साल के दरम्यान ही अपनी विशेष पहचान बनाई है | एफ. डी. आई. के मुद्दे पर निर्णायक लड़ाई लड़ने वाली वह अकेली पार्टी है |
अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में जस्टिस सच्चर ने कहा की ९ अगस्त मात्र एक तारीख नहीं है | वह भारत की जनता की आजादी की अभिव्यक्ति का महान दिन है जिसे हर भारतीय को याद करना चाहिए | उनहोंने इस बात पर निराशा जताई कि एक भी अंग्रेजी राष्ट्रिय दैनिक ने ९ अगस्त को नोटिस नहीं लिया | इतने महान दिवस पर कोई सम्पादकीय नहीं लिखा गया | यह राष्ट्रिय शर्म कि बात है | लेकिन मुझे ख़ुशी है कि यहाँ इतने नौजवान सोशलिस्ट पार्टी द्वारा आयोजित सभा में मौजूद हैं | मुझे हर साल इस कार्यक्रम में वैसी ही ताकत मिलती है जैसी बूढ़े व्यक्ति को युवा खून चढ़ाय जाने पर मिलती है | उनहोंने डॉ. लोहिया को लाहौर फोर्ट में दी गई अमानुषिक यात्रानाओ का जिक्र किया | नौजवानों को बताया कि अगस्त क्रांति आन्दोलन में बड़ी संख्या में भारतीय लोग मारे गए | उनहोंने युवकों का आह्वान किया कि वे डट कर रिटेल में एफ. ड़ी. आई. के फैसले का विरोध करें |
सभा में पार्टी के राज्य इकाई कि अध्यक्ष रेनू गंभीर,पूर्व विधायक रामगोपाल सिसोदिया, निगम पार्षद राकेश कुमार, एस. वाई. एस. के सत्यप्रकाश सिंह, नीरज सिंह, निरंजन महतो, योगेश पासवान और मंजू ने अपने विचार रखे | कार्यक्रम का संचालन श्याम गंभीर ने किया |
नीरज सिंह  

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